रक्षा बंधन 2025: शुभ मुहूर्त और भद्रा काल का समय

by Viktoria Ivanova 49 views

रक्षा बंधन, भाई-बहन के प्यार का त्योहार, भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। हर साल, इस त्योहार को लेकर लोगों में उत्सुकता रहती है कि राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या होगा। साल 2025 में भी रक्षा बंधन की तिथि और शुभ मुहूर्त को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। इस लेख में, हम ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर 2025 में रक्षा बंधन की तिथि, भद्रा काल और राखी बांधने के शुभ मुहूर्त पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

रक्षा बंधन 2025: तिथि और महत्व

रक्षा बंधन, जो कि श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। यह त्योहार न केवल एक पारिवारिक उत्सव है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। दोस्तों, रक्षा बंधन का महत्व हमारी संस्कृति में बहुत गहरा है। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह हमारे रिश्तों को मजबूत करने का एक अवसर भी है। रक्षा बंधन हमें याद दिलाता है कि हमें हमेशा अपने प्रियजनों के साथ खड़े रहना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए। इस दिन, परिवार एक साथ आते हैं, स्वादिष्ट भोजन बनाते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियाँ बांटते हैं।

2025 में, रक्षा बंधन का त्योहार 14 अगस्त, गुरुवार को मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि 14 अगस्त को सुबह 06:26 बजे शुरू होगी और 15 अगस्त को सुबह 04:59 बजे समाप्त होगी। ऐसे में, रक्षा बंधन 14 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन, बहनें अपने भाइयों को राखी बांधकर उनके सुखमय जीवन की कामना करेंगी।

रक्षा बंधन का महत्व क्यों है?

दोस्तों, क्या आप जानते हैं कि रक्षा बंधन का महत्व इतना अधिक क्यों है? यह त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो एक रक्षा सूत्र होता है। यह राखी भाई को बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाती है। साथ ही, भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन देता है। यह वचन भाई-बहन के बीच प्यार और विश्वास को और भी मजबूत करता है।

रक्षा बंधन का महत्व सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। यह त्योहार सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। इस दिन, लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं और खुशियाँ मनाते हैं। यह त्योहार हमें यह भी सिखाता है कि हमें अपने परिवार और समाज के साथ मिलकर रहना चाहिए।

क्या 2025 में रक्षा बंधन पर भद्रा का साया रहेगा?

भद्रा काल एक अशुभ समय माना जाता है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भद्रा काल में राखी बांधना भी शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए, रक्षा बंधन के दिन भद्रा काल का विचार करना आवश्यक होता है। दोस्तों, भद्रा काल को लेकर लोगों में काफी चिंता रहती है। वे जानना चाहते हैं कि क्या इस दौरान राखी बांधना सुरक्षित है या नहीं।

2025 में, रक्षा बंधन के दिन भद्रा का साया रहेगा या नहीं, यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, 14 अगस्त को भद्रा सुबह 06:26 बजे से शुरू होकर दोपहर 01:49 बजे तक रहेगी। ऐसे में, दोपहर 01:49 बजे के बाद राखी बांधना शुभ रहेगा।

भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए?

दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भद्रा भगवान सूर्य की पुत्री और शनिदेव की बहन हैं। उनका स्वभाव उग्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य करने से उसमें बाधा आती है और उसके परिणाम शुभ नहीं होते हैं। इसलिए, भद्रा काल में राखी बांधना भी वर्जित माना गया है।

2025 में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

दोस्तों, अब बात करते हैं 2025 में राखी बांधने के शुभ मुहूर्त की। जैसा कि हमने पहले बताया, 14 अगस्त को भद्रा दोपहर 01:49 बजे तक रहेगी। इसलिए, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:49 बजे के बाद शुरू होगा।

ज्योतिषियों के अनुसार, 2025 में राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 01:49 बजे से शाम 05:30 बजे तक रहेगा। इस दौरान राखी बांधना बहुत ही शुभ माना जाता है।

शुभ मुहूर्त का महत्व

दोस्तों, शुभ मुहूर्त में कोई भी कार्य करने का अपना महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य सफल होते हैं और उनसे शुभ फल प्राप्त होते हैं। इसलिए, रक्षा बंधन जैसे महत्वपूर्ण त्योहार पर राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त का विचार करना बहुत जरूरी है। शुभ मुहूर्त में राखी बांधने से भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और विश्वास बढ़ता है। साथ ही, इससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

राखी बांधने की विधि

दोस्तों, राखी बांधने की विधि बहुत ही सरल है। इस दिन, बहनें सुबह स्नान करके नए कपड़े पहनती हैं। फिर, वे पूजा की थाली सजाती हैं, जिसमें राखी, कुमकुम, अक्षत, दीपक और मिठाई होती है। इसके बाद, वे अपने भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठाती हैं और उनके माथे पर कुमकुम और अक्षत का तिलक लगाती हैं। फिर, वे भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी आरती उतारती हैं। अंत में, वे भाई को मिठाई खिलाती हैं और उनसे आशीर्वाद लेती हैं।

भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं और उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं। इस दिन, परिवार में खुशी का माहौल होता है और सभी लोग मिलकर त्योहार मनाते हैं। राखी बांधने की विधि का पालन करने से भाई-बहन के रिश्ते में और भी अधिक प्रेम और सम्मान बढ़ता है। यह विधि हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें अपनी परंपराओं और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए।

रक्षा बंधन का महत्व और आधुनिक परिदृश्य

दोस्तों, रक्षा बंधन का महत्व आज भी उतना ही है, जितना पहले था। यह त्योहार हमें यह याद दिलाता है कि भाई-बहन का रिश्ता कितना अनमोल होता है। आधुनिक परिदृश्य में, भले ही लोगों के जीवन में कई बदलाव आए हैं, लेकिन रक्षा बंधन का महत्व कम नहीं हुआ है। आज भी, लोग इस त्योहार को बड़े उत्साह और प्रेम के साथ मनाते हैं।

आज के समय में, जब लोग अपने घरों से दूर रहते हैं, तो रक्षा बंधन उन्हें एक साथ आने का अवसर देता है। यह त्योहार हमें यह भी सिखाता है कि हमें अपने रिश्तों को हमेशा महत्व देना चाहिए और उन्हें मजबूत बनाए रखना चाहिए। दोस्तों, रक्षा बंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक भावना है, जो भाई-बहन के प्यार को हमेशा जिंदा रखती है।

निष्कर्ष

दोस्तों, रक्षा बंधन भाई-बहन के प्यार और विश्वास का त्योहार है। 2025 में, यह त्योहार 14 अगस्त को मनाया जाएगा। उस दिन, भद्रा दोपहर 01:49 बजे तक रहेगी, इसलिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:49 बजे के बाद शुरू होगा। इस त्योहार को खुशी और प्रेम के साथ मनाएं और अपने रिश्तों को मजबूत बनाएं।

आशा है कि यह लेख आपको 2025 में रक्षा बंधन की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी देने में सहायक होगा। त्योहारों का मौसम आ रहा है, इसलिए तैयार हो जाइए और खुशियाँ मनाइए! रक्षा बंधन की शुभकामनाएँ!